अररिया। फनिश्वर नाथ रेणु की लेखनी में समाहित आंचलिकता की मिट्टी की सौंधी महक अमेरिकी शोधकर्ता इयान वुलफोर्ड को औराही हिंगना में बार-बार खींच लाता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इयान वुलफोर्ड विख्यात कथाकार-साहित्यकार रेणु की यादों को संजोने एक बार फिर रेणु के गांव औराही हिंगना पहुंचे हुए है। रेणु की स्मृतियों को संजोने के लिये क्षेत्र में भ्रमण के दौरान फारबिसगंज के रेणु सार्वजनिक पुस्तकालय भी गये। पुस्तकालय की दुर्दशा देखकर इयान बेहद दुखी थे। बोले-'साहित्य को एक नया आयाम देने वाले रेणु के पुस्तकालय की यह दुर्दशा कष्टप्रद है। कोई सुधी लेने वाला नहीं! यह दुख देने वाली स्थित है।' श्री इयान वास्तव में इस बात से अधिक दुखी थे कि अररिया-फारबिसगंज को अपनी साहित्य सृजन से विश्व में पहचाने देने वाले को उनके घर में यहां के लोगों ने हीं भुला दिया।